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Fact Check
आयकर विभाग ने बीते गुरुवार को मीडिया समूह दैनिक भास्कर के मुंबई, भोपाल, जयपुर और अहमदाबाद के दफ्तरों में छापेमारी की। इतना ही नहीं, भास्कर के भोपाल स्थित प्रबंधकों के घर पर भी आयकर विभाग की टीमें जांच करने के लिए पहुंची। इस रेड पर प्रतिक्रिया देते हुए दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए, कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर की होर्डिंग की एक तस्वीर जमकर वायरल होने लगी। होर्डिंग पर लिखा हुआ है, ‘ना मठ का महंत, ना फेंकू संत। अब चलेगा केवल सच, यूपी में खबरें न दबेंगी, न रुकेंगी।’ दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में ये होर्डिंग दैनिक भास्कर ने रेड पड़ने के बाद लगवाई है।
समाजवादी पार्टी के विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर ने इस होर्डिंग की तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, ‘दमनकारी सरकार’ ने ‘दैनिक भाष्कर’ की आवाज़ दबाने की कोशिश की, फिर जो दैनिक भास्कर ने किया वह आपके सामने है।’
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
हमारे द्वारा Crowd Tangle टूल की सहायता से किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक, इस दावे को सैकड़ों लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। फेसबुक पर I am with Shehla की पोस्ट को सबसे ज्यादा शेयर और लाइक किया गया है। लेख लिखे जाने तक इस पोस्ट पर 1600 शेयर और 11,000 लाइक्स थे।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

तस्वीर का सच जानने के लिए, हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें इसकी असली फोटो News Nation की वेबसाइट पर जनवरी 2020 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। असली होर्डिंग में पीएम मोदी और केजरीवाल की तस्वीर के साथ, ‘देश मांगे नरेंद्र मोदी, दिल्ली मांगे केजरीवाल’ का नारा लिखा हुआ है। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, इस होर्डिंग को बीजेपी कार्यकर्ता दीपक मदन ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, पश्चिम विहार के इलाकों में लगवाया था।
वायरल तस्वीर की तुलना असली फोटो से करने पर ये साफ तौर पर दिखाई देता है कि, वायरल तस्वीर को एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए एडिट कर बनाया गया है।
Crowd Tangle डेटा के मुताबिक, ‘ना मठ का महंत, ना फेंकू संत का’ ये स्लोगन सबसे पहले @RoflGandhi_नामक अकाउंट द्वारा शेयर किया गया था। फिर देखते ही देखते ये स्लोगन वायरल हो गया। दरअसल @RoflGandhi_नामक अकाउंट ने दैनिक भास्कर की एक असली होर्डिंग की तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, ‘क्या 2017 की तरह सरकार के खिलाफ लखनऊ में अब ऐसी होर्डिंग लगवाई जा सकती है।’
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी Dainik Bhaskar की फैक्ट चैकिंग रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में दैनिक भास्कर द्वारा इस दावे का खंडन करते हुए लिखा गया है कि भास्कर ने ऐसी कोई होर्डिंग देश के किसी भी राज्य में नहीं लगवाई है। साथ ही लिखा है कि इन भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ दैनिक भास्कर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि साल 2017 में भास्कर ने, ‘न माया का जाल, न अखिलेश का क्लेश’ नारे के साथ कई होर्डिंग्स उत्तर प्रेदश में लगवाई थी।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक, दैनिक भास्कर की होर्डिंग को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर को एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए एडिट कर बनाया गया है। जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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| Claim Review: आयकर विभाग की छापेमारी के बाद दैनिक भास्कर ने लगवाई सरकार के खिलाफ होर्डिंग। Claimed By: Ambrish Singh Pushkar, Samajwadi Party Fact Check: False |
Twitter –https://twitter.com/RoflGandhi_/status/1418123737350561792
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