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Fact Check
सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें फटकार लगाई है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के जज को लेकर एक पोस्ट काफी वायरल है। दावा किया जा रहा है कि नूपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला 1989-90 में कांग्रेस के विधायक थे।
ट्विटर पर यह दावा तेजी से शेयर किया जा रहा है।

(ट्विट का आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।)
फेसबुक पर भी कई यूजर्स ने इस दावे को शेयर किया है।

दरअसल, पिछले महीने नूपुर शर्मा ने एक टीवी कार्यक्रम में पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद अरब देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब कर अपना विरोध जताया था। इस मामले पर बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया। भारत में भी नूपुर के बयान का काफी विरोध हुआ और देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई। नुपुर शर्मा ने अलग-अलग राज्यों में दर्ज हुई सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी।
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायाधीश सूर्यकांत और जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन बेंच ने नूपुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शर्मा के बयान ने पूरे देश में अशांति का महौल खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर की अर्जी पर विचार करने से इनकार करते हुए, उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा है। इसके बाद नूपुर ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है।
क्या सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला 1989-90 में कांग्रेस के विधायक थे? इस दावे की पड़ताल के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। हमें वेबसाइट पर जेबी पारदीवाला की प्रोफाइल मिली, जिसके अनुसार, जेबी पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी वकालत की पढ़ाई 1988 में गुजरात के वलसाड में मौजूद के एम लॉ कालेज से पूरी की थी, जिसके बाद उन्होंने 1989 में वलसाड में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। एक साल बाद ही वे गुजरात हाई कोर्ट चले गए और वहां प्रैक्टिस की। इसके बाद उन्हें 2002 से गुजरात उच्च न्यायालय और उसके अधीनस्थ न्यायालयों के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। साल 2011 में पारदीवाला को गुजरात हाई कोर्ट की बेंच में अतिरिक्त जज के रूप में शामिल किया गया और 2013 में वे हाईकोर्ट के स्थायी जज बन गए।

वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, पारदीवाला के दादा और पिता ने भी वकालत का पेशा अपनाया था। उनके पिता बुर्जोर कावासजी पारदीवाला 1955 में वलसाड बार काउंसिल में शामिल हुए और गुजरात की 7वीं विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट में इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं है कि जेबी पारदीवाला विधायक थे। हालांकि, इस बात का जिक्र जरूर किया गया है कि उनके पिता गुजरात की सातवीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे।
इसके बाद हमने गुजरात विधानसभा की वेबसाइट को सर्च किया। जिसके मुताबिक, बुर्जोर कावासजी पारदीवाला 19 जनवरी 1990 से लेकर 16 मार्च 1990 तक गुजरात विधानसभा के स्पीकर रहे हैं।

सर्च करने पर हमें चुनाव आयोग (Election Commision) की वेबसाइट पर बुर्जोरजी कावासजी के बारे में पता किया। वेबसाइट के मुताबिक, बुर्जोर कावासजी ने 1985 के गुजरात विधानसभा चुनाव में वलसाड सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए लगभग 9 हजार वोटों से जीत हासिल की थी।

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पड़ताल के दौरान ‘द प्रिंट’ द्वारा 9 मई, 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस जेबी पारदीवाला सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज, पारसी समुदाय से आने वाले चौथे व्यक्ति हैं। वे लगभग दो साल तीन महीने के कार्यकाल के साथ ही मई 2028 में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) बनने की रेस में हैं। ‘दि प्रिंट’ द्वारा प्रकाशित खबर में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया है। इसमें इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि वे कभी विधायक भी बने थे।
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला कभी भी विधायक नहीं थे। उनके पिता बुर्जोर कावासजी पारदीवाला 1985 में गुजरात की वलसाड सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे।
Our Sources
Supreme Court Website Profile of Chief Justice & Judges
Gujarat Assembly Website
Election Commission Website
Report Published at ‘The Print‘ on May 9, 2022
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(With Inputs from Arjun Deodia)
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