Fact Check
कानपुर में हुई हालिया हिंसा से सम्बंधित नहीं है यह वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि कानपुर में पुलिसकर्मी द्वारा अपने उच्चाधिकारी को बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास बम होने की सूचना देने के बावजूद भी एकतरफा कार्रवाई की जा रही है.
पिछले कुछ दिनों में भारत में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं. निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के लिए कड़ी सजा की मांग कर रही भीड़ ने हिंसा शुरू कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. कई सोशल मीडिया यूजर्स इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए, पुलिस द्वारा एकतरफा कार्रवाई का दावा कर रहे हैं, तो वहीं पुलिस न्यायसंगत कार्रवाई की बात कह रही है.
इसी क्रम में, सोशल मीडिया यूजर्स ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि कानपुर में पुलिसकर्मी ने अपने उच्चाधिकारी को बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास बम होने की सूचना दी. इसके साथ ही वायरल पोस्ट्स में पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए केवल मुस्लिमों के खिलाफ एक्शन का भी दावा किया जा रहा है.



इसी तरह के अन्य पोस्ट्स यहां देखे जा सकते हैं.
Fact Check/Verification
कानपुर में पुलिसकर्मी द्वारा अपने उच्चाधिकारी को बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास बम होने की सूचना देने के बावजूद भी केवल मुस्लिमों की ही गिरफ्तारी के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने इसके की-फ्रेम्स को गूगल पर ढूंढा. हालांकि, वीडियो की गुणवत्ता खराब होने के कारण इस पूरी प्रक्रिया में हमें कुछ अन्य दावों के अलावा कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई. इसके बाद हमने वायरल वीडियो से प्राप्त जानकारी के आधार पर “बीजेपी वाले बम लेकर आये हैं” कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा.

Mojo Story द्वारा 10 जुलाई, 2021 को अपलोड किए गए एक यूट्यूब वीडियो के अनुसार, यह वीडियो यूपी के इटावा का है, जहां ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान पुलिस तथा बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी.
नवभारत टाइम्स द्वारा 11 जुलाई, 2021 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, यूपी के इटावा में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान बीजेपी विधायक सरिता भदौरिया के समर्थकों ने एसपी सिटी प्रशांत कुमार से हाथापाई की थी.

ट्विटर एडवांस्ड सर्च की सहायता से इटावा पुलिस द्वारा 8 जुलाई, 2021 से लेकर 12 जुलाई, 2021 के बीच शेयर किये गए ट्वीट्स को खंगालने पर हमने पाया कि यह वीडियो असल में इटावा का ही है.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि कानपुर में पुलिसकर्मी द्वारा अपने उच्चाधिकारी को, बीजेपी कार्यकर्ताओं के पास बम होने की सूचना देने के बावजूद भी केवल मुस्लिमों की ही गिरफ्तारी के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में यह वायरल वीडियो यूपी के ही इटावा का है तथा कानपुर में हाल ही में हुई हिंसा की घटना से संबंधित नहीं है.
Result: False Context/Missing Context
Our Sources
Video report published by Mojo Story on 10 July, 2021
Article published by Navbharat Times on 11 July, 2021
Tweets shared by Etawah Police on 10 July, 2021
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