Fact Check
क्या अमित शाह के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मुस्लिम समुदाय ने निकाली उनकी शवयात्रा?
इनकी मानसिकता देखिए अमित शाह जी के कोरोना संक्रमित होने पर उनकी शवयात्रा निकाल के खुशी मना रहे है।
ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर अमित शाह के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एक वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया गया है कि अमित के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुस्लिम समुदाय ने उनकी शवयात्रा निकाली थी। वीडियो में देखा जा सकता है कि कई लोग एक शव यात्रा निकाल रहे हैं साथ ही अमित शाह का भी नाम लिया जा रहा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया के कई यूजर्स ने शेयर किया है।
ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे कुछ अन्य ट्वीट्स यहाँ देखे जा सकते हैं। फेसबुक पर भी इस दावे को बड़ी तेजी से शेयर किया जा रहा है।

Fact Check/Verification
देश के गृहमंत्री अमित शाह को लेकर सोशल मीडिया पर किये गए दावे की पड़ताल आरम्भ की। सबसे पहले इस बात की जानकारी जुटाने का प्रयास किया कि अमित शाह को कोरोना संक्रमण कब हुआ था। अमित शाह द्वारा 2 अगस्त को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट के माध्यम से उन्होंने खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना सार्वजनिक की थी।
उनके स्वास्थ्य को लेकर गूगल पर की गई खोज के दौरान पता चला कि बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने एक ट्वीट किया था। तिवारी ने उन्हें कोरोना नेगेटिव बताया था। लेकिन बाद में ट्वीट को डिलीट कर दिया था। इसी ट्वीट को आधार बनाते हुए कई मीडिया घरानों ने रिपोर्ट भी प्रकाशित कर दी थी हालाँकि अमित शाह के ट्वीटर हैंडल पर इस तरह की कोई भी सूचना नहीं दी गई है।
क्या मुस्लिम समुदाय ने अमित शाह का जनाज़ा निकाला था इस बारे में पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो को invid टूल के माध्यम से कई कीफ्रेम में बदला। इमेज को रिवर्स करने के साथ कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर कुछ ऐसा हाथ नहीं लगा जिससे यह पता चलता कि यह वीडियो कब की और कहाँ की है साथ ही इस वीडियो के पीछे का सच क्या है। कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें एक फेसबुक लिंक मिला जहां वायरल वीडियो को पूरा देखा देखा जा सकता है। यह वीडियो साल 2019 में अपलोड की गई थी इसलिए यह तो तय हो गया कि इसका कोरोना या फिर अमित शाह के कोरोना संक्रमित पाए जाने से कोई सम्बन्ध नहीं है। हालाँकि वीडियो में यह कहते हुए साफ़ सुना जा सकता है कि ‘भइया अमित शाह मर गया।’
फेसबुक लिंक का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।

वीडियो का साल 2019 से इंटरनेट पर मौजूद होना इस बात की तस्दीक करता है कि इसका अमित शाह के कोरोना संक्रमण से कोई लेना देना नहीं है। इस वीडियो को ध्यान से देखा तो पता चला कि जिस जगह से यह यात्रा निकाली जा रही है वहां कोलकाता ट्रैफिक पुलिस का बोर्ड लगा हुआ है।


वीडियो को ध्यान से सुनने पर एक नारा भी सुनाई दिया। भीड़ द्वारा ‘आजादी’ की बात कही जा रही है। गौरतलब है कि साल 2019 में CAA कानून के पास होने के बाद पूरे देश में धरना प्रदर्शन हुए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि यह यात्रा भी उसी दौरान की हो सकती है।
Conclusion
अमित शाह को कोरोना संक्रमण होने पर एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा उनकी शव यात्रा निकाले जाने वाला दावा सही नहीं है। असल में यह वीडियो इंटरनेट पर साल 2019 में ही अपलोड किया गया था तब देश में कोरोना का संक्रमण था ही नहीं। यह तो साफ़ है कि यह वीडियो अमित शाह के कोरोना संक्रमण होने के बाद का नहीं है लेकिन इस प्रदर्शन के पीछे का सच क्या है यह फिलहाल साफ़ नहीं हो पाया।
Result- Misleading
Sources