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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि यूपी में इस बार बजट की कमी के कारण छात्रों को छात्रवृत्ति नही मिलेगी.
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. राम मंदिर से लेकर जिन्ना तक हर मुद्दे पर फुरसत से बात की जा रही है. आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मुफ्त ड्रेस तथा बस्ता देने की जगह अभिवावकों के खाते में सीधे 1100 रुपये भेजने का ऐलान किया है. प्रदेश की भाजपा सरकार छात्रों समेत समाज के हर वर्ग को खुश करने की कोशिश में जुटी हुई है.
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि यूपी में इस बार बजट की कमी के कारण छात्रों को छात्रवृत्ति नही मिलेगी.
हमारे द्वारा CrowdTangle नामक टूल की सहायता से किये गए एक विश्लेषण के अनुसार वायरल दावे को लेकर पिछले 7 दिनों में कुल 56 फेसबुक पोस्ट शेयर किये गए हैं जिनको कुल 4050 इंटरैक्शंस (रिएक्शन, कमेंट, शेयर) प्राप्त हुए हैं.

“यूपी में इस बार बजट की कमी के कारण छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने” के नाम पर शेयर की जा रही इस तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में हमें कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई.

इसके बाद हमने उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा वायरल दावे से संबंधित शेयर की गई जानकारी की तलाश में ट्विटर एडवांस्ड सर्च फीचर की सहायता से कुछ कीवर्ड्स को सर्च कर 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया. इस प्रक्रिया में हमें उक्त ट्विटर हैंडल द्वारा इसी वर्ष शेयर किये गए कई ऐसे ट्वीट्स प्राप्त हुए जिनमें विभिन्न वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने की बात कही गई है.
वायरल दावे को लेकर कोई मीडिया रिपोर्ट या सरकारी आदेश ना मिलने की वजह से हमने वायरल दावे को ध्यान से पढ़ने पर यह पाया कि तस्वीर में कई ऐसी मूलभूत गलतियां हैं जो कि आमतौर पर मुख्यधारा की मीडिया द्वारा नहीं की जाती हैं.
पहली गलती: यूपी के बाद उप विराम (अपूर्ण विराम) चिन्ह यानी Colon ( : ) का ना होना.
दूसरी गलती: ‘नही’ की जगह ‘नहीं’ लिखना.
तीसरी गलती: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर उल्टी (मिरर इमेज) होना.

कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें यह जानकारी मिली कि वायरल दावा असल में पिछले साल भी कोरोनाकाल में बजट कटौती से जोड़कर शेयर किया गया था जिसके बाद फैक्ट चेकिंग संस्था विश्वास न्यूज़ ने इस दावे का फैक्ट चेक किया था.
“अयोध्या बनेगी सोलर सिटी दो हजार करोड़ से होगा कायाकल्प अमर उजाला” कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर हमें यह जानकारी मिली कि अमर उजाला ने सच में इसी हैडलाइन के साथ एक लेख प्रकाशित किया था हालांकि यह लेख अब अमर उजाला की वेबसाइट पर मौजूद नहीं है लेकिन लेख के SEO डिटेल्स इस बात की तस्दीक करते हैं कि यह लेख पिछले साल प्रकाशित किया गया था.

इसके अलावा हमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 4 सितंबर, 2020 को शेयर किया गया एक फेसबुक पोस्ट प्राप्त हुआ जिसमें अमर उजाला ‘अयोध्या बनेगी सोलर सिटी दो हजार करोड़ से होगा कायाकल्प’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक लेख की तस्वीर भी मौजूद है.
बता दें कि अमर उजाला ने भी पिछले वर्ष वायरल दावे से मिलती जुलती एक खबर प्रकाशित की थी.

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि ‘यूपी में इस बार बजट की कमी के कारण छात्रों को छात्रवृत्ति नही मिलने’ के नाम पर शेयर की जा रही वायरल तस्वीर एडिटेड है जबकि ‘अयोध्या बनेगी सोलर सिटी दो हजार करोड़ से होगा कायाकल्प’ हैडलाइन के साथ प्राकशित खबर की तस्वीर असल में पिछले साल अमर उजाला द्वारा प्रकाशित एक लेख की तस्वीर है.
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