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वीडियो में संसद में ओम बिरला कहते हुए नज़र आते हैं, “जिनकी सालाना आय 5 लाख से कम हो, वैसे सभी परिवारों के पक्ष में समर्थन को देखते हुए सरकार वहां फैसले लेने के लिए बाध्य है. इसीलिए जितने गरीब परिवार हैं या जिन परिवार की सालाना आय 5 लाख से कम है, वैसे सभी परिवार के मुखिया को आर्थिक सहायता स्वावलंब के तहत केंद्र सरकार 10 सालों तक 12 हजार रुपये सहायता के रूप में देगी, और इसका लाभ 22 दिसंबर से आपको मिलना शुरू हो जाएगा.”
हालांकि, हमारी जांच में सामने आया कि वायरल फ़ेक है और इसमें ओम बिरला की असल आवाज़ की जगह एआई-जनरेटेड वॉइसओवर जोड़ा गया है.
इंस्टाग्राम पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर लिखा, “केंद्र सरकार देगी ₹12,000! जानिए कौन-कौन ले सकता है फायदा!.” पोस्ट का आर्काइव यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

‘आर्थिक सहायता स्वावलंब’ नाम की कोई योजना नहीं है
वायरल वीडियो में किए गए दावे की जांच के लिए हमने ‘आर्थिक सहायता स्वावलंब’ योजना के बारे में सर्च किया, लेकिन केंद्र सरकार की ऐसी किसी योजना से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली. अगर सरकार वास्तव में इस तरह की किसी योजना का ऐलान करती, तो यह एक बड़ी ख़बर होती और इसकी व्यापक चर्चा दिखाई देती.
क्या ओम बिरला ने ‘आर्थिक सहायता स्वावलंब’ योजना की घोषणा की?
हमने भारत सरकार के MyScheme पोर्टल पर भी इस कथित योजना को खोजा, लेकिन वहां भी इससे संबंधित कोई विवरण उपलब्ध नहीं है.
लोकसभा स्पीकर की भूमिका और शक्तियां
लोकसभा स्पीकर सदन के भीतर संविधान, प्रक्रियाओं और संसदीय नियमों का अंतिम व्याख्याकार होते हैं. उनका मुख्य कार्य सदन की अध्यक्षता करना, ऑर्डर बनाए रखना और हाउस का कामकाज प्रबंधित करना है. स्पीकर किसी नई योजना की घोषणा या सरकार की कोई स्कीम लॉन्च नहीं कर सकते और संसद में किसी पार्टी के प्रवक्ता के रूप में कार्य नहीं करते.
ओरिजिनल वीडियो में ऐसी किसी योजना का ज़िक्र नहीं
इसके बाद, हमने ओम बिरला के वायरल वीडियो के कीफ़्रेम्स को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया. इस दौरान हमें संसद टीवी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ एक मूल वीडियो मिला, जो 1 दिसंबर 2025 का है. इसमें वही दृश्य दिखाई देते हैं, जहां सांसद अपनी सीटों पर बैठे हैं, जैसा कि वायरल वीडियो में दिखाया गया है. गौरतलब है कि 1 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था.
इस वीडियो में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला उन पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जिनका हाल के महीनों में निधन हुआ था. इसमें वे कथित ‘आर्थिक सहायता स्वावलंब’ योजना या किसी अन्य योजना का कोई ज़िक्र नहीं करते.
डीपफ़ेक डिटेक्शन टूल्स ने ऑडियो को एआई-जनरेटेड बताया
न्यूज़चेकर ने वायरल वीडियो का विश्लेषण करने के लिए दो अलग-अलग डीपफ़ेक डिटेक्शन टूल्स का इस्तेमाल किया, और दोनों ने पुष्टि की कि ऑडियो में छेड़छाड़ की गई है. Hiya Deepfake Voice Detector ने ऑडियो को 100 में से केवल 4 का ऑथेंटिसिटी स्कोर दिया, जो एआई के ज़रिए की गई हेरफेर की अत्यधिक संभावना को दर्शाता है.

इसी तरह, बफ़ेलो यूनिवर्सिटी की UB मीडिया फोरेंसिक लैब द्वारा विकसित DeepFake-O-Meter ने भी ऑडियो को फ़ेक करार दिया. इस टूल के चार एनालिटिक आउटपुट ने वीडियो के ऑडियो को 99.7%, 99.95%, 99.94% और 99.87% स्कोर के साथ एआई-जनरेटेड बताया.


वॉइस और स्पीच पैटर्न मैच नहीं होते
संसद टीवी के मूल वीडियो की तुलना वायरल वीडियो से करने पर मैनिपुलेशन साफ़ दिखाई देता है. ओम बिरला की असली आवाज़, टोन और बोलने की शैली वायरल क्लिप के ऑडियो से बिल्कुल मेल नहीं खाती. यह स्पष्ट संकेत देता है कि वीडियो में आर्टिफिशियल वॉइसओवर जोड़ा गया है.
Conclusion
स्पष्ट है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का वायरल वीडियो एआई-मैनिपुलेटेड है. उन्होंने संसद में ‘आर्थिक सहायता स्वावलंब’ जैसी किसी योजना की घोषणा नहीं की है, और न ही केंद्र सरकार की ऐसी कोई योजना अस्तित्व में है.
Sources
Sansad TV YouTube Video, December 1, 2025
MyScheme Portal, December 2025
Hiya Deepfake Voice Detector Analysis
DeepFake-O-Meter (UB Media Forensic Lab) Report