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Fact Check
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि केंद्र सरकार ने अब खून पर भी GST लगा दिया है.
देश में 1 जुलाई 2017 से लागू GST (Goods & Services Tax) शुरू से ही विपक्ष के निशाने पर रहा है. सत्तारूढ़ भाजपा जहां GST को विकास की दिशा में उठाया गया एक कदम बताती है तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इसे अनावश्यक टैक्स के नाम पर धन उगाही का जरिया बताती है. आज GST को लागू होने के सालों बाद भी आम जनमानस को विभिन्न वस्तुओं पर निर्धारित GST स्लैब का सटीक ज्ञान नहीं हो पाया है. यही कारण है कि सोशल मीडिया पर आये दिन विभिन्न वस्तुओं को लेकर निर्धारित GST स्लैब के बारे में कई तरह के दावे किये जाते हैं. इनमे से कुछ दावे सच होते हैं तो वहीं कई दावे गलत या भ्रामक भी होते हैं.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि केंद्र की मोदी सरकार ने अब खून पर भी GST लगा दिया है. अखबार की इस वायरल कटिंग का हेडलाइन कुछ इस प्रकार है, “ब्लड की थैली पर 12.5 फीसदी जीएसटी लगाया, अब एक यूनिट के 850 के बजाय 1250 रू. चुकाने होंगे”. गौरतलब है कि अखबार की इस वायरल कटिंग में ‘भास्कर संवादाता’ लिखा देखा जा सकता है. जिससे यह जानकारी मिलती है कि वायरल कटिंग दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर की हो सकती है. Crowdtangle नामक टूल की सहायता से ‘खून पर भी GST’ कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर शेयर किये गए फेसबुक पोस्ट्स को लेकर किये गए एक विश्लेषण के अनुसार, पिछले 30 दिनों में अखबार की इस वायरल कटिंग को लेकर कुल 221 पोस्ट्स शेयर किये गए हैं. जिनको 14,208 इंटरैक्शन (लाइक, शेयर, कमेंट) प्राप्त हुआ है.

कुछ कीवर्ड्स के साथ फेसबुक सर्च करने पर यह पता चलता है कि वायरल कटिंग को शेयर करने वाले अधिकतर पेज कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों तथा किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले कंटेंट शेयर करते हैं.

केंद्र सरकार द्वारा खून पर भी GST लगाने के दावे के साथ शेयर की जा रही अखबार की इस वायरल कटिंग की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले अखबार की हेडलाइन यानि “ब्लड की थैली पर 12.5 फीसदी जीएसटी लगाया, अब एक यूनिट के 850 के बजाय 1250 रू. चुकाने होंगे” कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें दैनिक भास्कर द्वारा इस विषय पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ. बता दें कि उपरोक्त गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों में मौजूद सभी मीडिया रिपोर्ट्स 2017 में प्रकाशित की गई हैं. जिससे यह जानकारी मिलती है कि अखबार की यह वायरल कटिंग पुरानी है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों में दैनिक भास्कर द्वारा इसी विषय पर करीब 3 वर्ष पूर्व प्राकशित लेख में वायरल दावे का जिक्र किया गया है. हालांकि लेख का URL देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि लेख को अपडेट कर लेख में बदलाव किये गए हैं.

इसके बाद हमें 2017 में ही प्रकाशित कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी प्राप्त हुईं. जिनमें दी गई जानकारी दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी का समर्थन करती है. मसलन पत्रिका द्वारा 23 नवंबर 2017 को प्रकाशित एक लेख में “तो गरीब की जिंदगी का क्या होगा…अब खून पर भी GST, 1050 रुपए प्रति यूनिट से हुआ 1250 रुपए” हैडलाइन के साथ प्रकाशित खबर में भी खून पर भी GST लगाने की जानकारी दी गई है.

खून पर GST स्लैब के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया. जहां केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा 15 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित एक सर्कुलर में विभिन्न उत्पादों पर CSGT Rates के बारे में जानकारी दी गई है. बता दें कि उक्त सर्कुलर में प्रकाशित जानकारी के अनुसार मानव के खून और इसके कंपोनेंट्स पर कोई CGST देय नहीं है.

इसके बाद हमें केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा 29 अक्टूबर 2018 को जारी किया गया एक सर्कुलर प्राप्त हुआ. जिसमें ब्लड प्लाज्मा के क्रय-विक्रय पर लागू GST के बारे में अधिक जानकारी दी गई है.

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि केंद्र सरकार द्वारा खून पर भी GST लगाने का यह दावा भ्रामक है. खून को रखने के लिए प्रयुक्त थैले पर GST लगाने की तीन साल पुरानी खबर को सरकार द्वारा हालिया दिनों में खून पर GST लगाने के नाम पर शेयर कर भ्रम फैलाया जा रहा है.
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